।। एक को भोपाल और दूसरे को इटारसी पुलिस ने पकड़ा।।

इटारसी। भोपाल पुलिस की सक्रियता से 18 सितंबर को गुरुनानक काम्पलेक्स के पास हुई सागर मांझी की हत्या के आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं। पहला आरोपी भोपाल पुलिस ने पकड़ा और उसकी निशानदेही पर दूसरे आरोपी को इटारसी पुलिस ने पकड़ा। रविवार एसपी अरविंद सक्सेना ने यहां पुलिस स्टेशन में इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। पुलिस के अनुसार ट्रेन में अवैध वेंडरिंग करने वाले दो युवकों ने सागर मांझी की हत्या की थी। दोनों ही आरोपी मुकेश पिता श्रीराम राजपूत 26 वर्ष और रोशन पिता राजेन्द्र केवट 20 वर्ष पीपल मोहल्ला क्षेत्र के रहने वाले हैं जो ट्रेनों में अवैध वेंडरिंग करते हैं। रोशन पर पहले से ही मारपीट के चार और मुकेश पर भी मारपीट के छह प्रकरण विभिन्न थानों में पंजीबद्ध हैं।
उल्लेखनीय है कि सोमवार शाम गुरुनानक काम्पलेक्स के पास पुरानी इटारसी निवासी सागर मांझी की चाकू से गोद कर हत्या कर दी गई थी और यह वारदात पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण थी, क्योंकि सीसीटीवी कैमरे में हत्या की वारदात कैद होने के बावजूद आरोपियों के चेहरे स्पष्ट नहीं होने से पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच पा रही थी। हालांकि सीसीटीवी कैमरों से उनके हुलिए के आधार पर काफी मदद मिली है। वारदात के बाद एसपी ने मौके का मुआयना करके सीसीटीवी फुटेज देखे और फिर आरोपियों का पता बताने वाले को दस हज़ार का इनाम घोषित किया था।
।।  ऐसे मिली पुलिस को सफलता।।
आरोपी रोशन केवट को निशातपुरा पुलिस के प्रधान आरक्षक सत्येन्द्र चौबे ने वहां रेलवे यार्ड में घूमते देखा और वरिष्ठ अधिकारियों को बताया। वहां से होशंगाबाद पुलिस को जानकारी दी। उच्चधिकारियों के निर्देश पर रोशन को पकड़कर पूछताछ की तो उसने अपराध कबूल कर मुकेश राजपूत का नाम बताया। इटारसी पुलिस ने मुकेश को उसके घर से गिरफ्तार किया।
 ।। छोटा सा कारण है हत्या का।।
एक छोटा सा कारण हत्या की वजह बन गया। पैदल जा रहे आरोपियों के हाथ से सागर पिता दिलीप मांझी और चिराग पिता देवेन्द्र केवट की स्कूटी टकरा गई थी। घटना पर आरोपियों ने सागर और चिराग को कुछ कहा तो इन लोगों ने भी जवाब दिया।  विवाद बढ़ा तो मुकेश ने जेब से चाकू निकालकर सागर पर वार किया जो सागर के सीने में लगा जिससे उसकी मौत हो गई।
।। पुलिस ने किए ये प्रयास।।
पुलिस ने कल्पना ड्रेसेस में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज तलाशे। ये फुटेज ट्रेनों में लोगों को दिखाए,आसपास के सभी थानों में भी इनको भेजा। स्थानीय स्तर पर मदद नहीं मिली थी। लेकिन भोपाल के निशातपुरा पुलिस के प्रधान आरक्षक ने फुटेज देखने के बाद उसी हुलिए के संदिग्ध को यार्ड में घूमते देखा और उच्चधिकारियों को खबर की और मामला खुल गया।
।। पुलिस पार्टियों ने किए प्रयास।।
एसपी ने मामले के खुलासे के लिए पुलिस पार्टियां बनायीं थीं। सागर के परिजनों से मिले, चिराग से बातचीत की। पुलिस पार्टियों ने इटारसी, बैतूल, भोपाल और नागपुर तक ट्रेनों में यात्रियों को फुटेज दिखाकर पतारसी की। एक पार्टी ने घटना स्थल के आसपास की दुकानों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले थे। सोशल मीडिया पर फुटेज भेजे। सभी थानों में सीसीटीवी फुटेज भेजे थे।  
।। ये किया पुलिस टीम ने।।
एसपी ने 5 पुलिस टीम बनायी। पहली टीम को सीसीटीवी कैमरों के फुटेज कलेक्शन, टीम नं. दो को अज्ञात आरोपियों के फोटो के साथ तलाश, टीम नं. 3 को मूविंग पार्टी के रूप में ट्रेन में फोटो दिखाकर आरोपियों की तलाश, टीम नं. 4 को मोबाइल की जानकारी लेने के लिए लगाया तो टीम नं. 5 को फरियादी के परितनों से रंजिश रखने वालों की तलाश में लगाया था।
।। एसपी ने की ईनाम की घोषणा ।।
बहुचर्चित और चुनौतीपूर्ण हत्याकांड के खुलासे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली भोपाल के निशातपुरा की पुलिस टीम को एसपी अरविंद सक्सेना ने ईनाम मिले, इसकी अनुशंसा की घोषणा की है। एसपी ने कहा कि निशातपुरा के प्र.आर. सत्येन्द्र चौबे, थाना प्रभारी एसएन मुकाती, एएसआई नरेन्द्र सिंह, प्रआ हरिनारायण, संतोष सिंह और दारासिंह ने अहम रोल निभाया है।
।। पांच टीम में ये थे शामिल।।
एसपी अरविंद सक्सेना और एएसपी शशांक गर्ग, एसडीओपी अनिल शर्मा के मार्गदर्शन और टीआई रामस्नेही चौहान के नेतृत्व में एसआई लवकुश शर्मा, एएसआई संजय रघुवंशी, आरक्षक हेमंत तिवारी, भूपेश मिश्रा, भागवेन्द्र, अविनाशी, केशव, राजेश पवार, अरविंद चौबे ने प्रकरण के खुलासे में भूमिका निभाई। इसमें निशातपुरा पुलिस का सबसे बड़ा योगदान रहा है।
।। आउटर से बैठे थे ट्रेन में ।।
दोनों आरोपी वारदात के बाद सब्जी मंडी से होते हुए, नई गरीबी लाइन होकर आउटर पर पहुंचे थे और वहां से वे भोपाल के लिए ट्रेन में बैठ गए। कुछ दिन भोपाल में रहने के बाद रोशन केवट वहीं रह गया जबकि मुकेश राजपूत वापस अपने घर पीपल मोहल्ला आ गया था। रोशन भोपाल में पकड़ाया तो उसके बताए अनुसार मुकेश को पुलिस ने यहां पकड़ लिया है।

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